New Labour Laws in Hindi: 2025 के नए लेबर कोड से क्या बदल गया है?

भारत सरकार ने दशकों पुराने श्रम कानूनों (Labour Laws) को सरल बनाने का एक बड़ा कदम उठाया है। 29 अलग-अलग नियमों को मिलाकर अब केवल चार नई श्रम संहिताएं (New Labour Codes) लाई गई हैं। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से 50 करोड़ से अधिक संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा, वेतन की गारंटी और बेहतर कामकाजी माहौल मिलेगा।

आइए, जानते हैं कि ये नए श्रम कोड आपके लिए क्या खास लेकर आए हैं:

1. सबको मिलेगी न्यूनतम मज़दूरी और सैलरी में पारदर्शिता

मज़दूरी संहिता (Code on Wages, 2019) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब देश के हर कोने में काम करने वाले मज़दूर को न्यूनतम मज़दूरी मिलने की कानूनी गारंटी होगी।

  • समान वेतन का अधिकार: यह नियम सुनिश्चित करता है कि पुरुष और महिला, दोनों को समान काम के लिए समान वेतन मिले।
  • फ्लोर वेज: पूरे देश में मज़दूरी की क्षेत्रीय असमानता को खत्म करने के लिए फ्लोर वेज (एक आधारभूत न्यूनतम वेतन) तय किया जाएगा।
  • समय पर वेतन: अब सभी श्रमिकों को उनका वेतन समय पर मिलना कानूनी रूप से अनिवार्य हो गया है।

2. गिग वर्कर्स और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा

सामाजिक सुरक्षा संहिता (Code on Social Security, 2020) ने पहली बार सामाजिक सुरक्षा को बहुत बड़ा विस्तार दिया है।

  • ग्रेच्युटी के नियम आसान: अब ग्रेच्युटी के नए नियम ज़्यादा स्पष्ट हैं, जिससे कर्मचारियों के PF (भविष्य निधि), ESIC और पेंशन जैसे लाभों की गणना आसान और पारदर्शी हो गई है।
  • गिग वर्कर्स की पहचान: जो लोग डिजिटल प्लेटफॉर्म या ऐप्स के माध्यम से काम करते हैं (गिग वर्कर्स), उन्हें पहली बार कानूनी रूप से पहचान मिली है और वे भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
  • ESIC का विस्तार: ESIC (अस्पताल और दवाखाने) की सुविधा अब सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह असंगठित क्षेत्र के मज़दूरों और देश के सभी 740 जिलों तक पहुँच सकेगी।

3. प्रवासी श्रमिक और कामकाजी माहौल में सुरक्षा

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थिति संहिता (OSH Code, 2020) कार्यस्थल पर सुरक्षा और काम करने की शर्तों पर ध्यान देती है।

प्रवासी श्रमिकों के लिए खास प्रावधान

  • प्रवासी श्रमिकों को मदद: अब प्रवासी श्रमिक नेशनल पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात, नियोक्ता को उन्हें हर साल अपने घर आने-जाने के लिए यात्रा भत्ता देना होगा।
  • नियुक्ति पत्र अनिवार्य: श्रमिकों को अब नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) देना अनिवार्य है, जिससे नौकरी की शर्तें शुरू से ही साफ रहें।
  • मुफ्त स्वास्थ्य जांच: नियोक्ता को साल में एक बार कर्मचारी की मुफ्त स्वास्थ्य जांच करानी होगी।
  • महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट: महिला श्रमिकों को उनकी सहमति और पर्याप्त सुरक्षा के साथ रात्रि शिफ्ट (Night Shift) में काम करने का अधिकार मिला है।
  • आसान छुट्टियाँ: अब साल भर में 240 दिन काम करने की बजाय, सिर्फ 180 दिन काम करने पर ही कर्मचारी एक साल की छुट्टियाँ जमा कर पाएगा।

4. विवादों का आसान समाधान

नए श्रम कोड का एक और उद्देश्य कंपनियों और कर्मचारियों के बीच विवादों को तेज़ी से सुलझाना है। ‘इंस्पेक्टर राज’ को खत्म करके अब निरीक्षकों की भूमिका को मार्गदर्शक (Advisor) के रूप में बदल दिया गया है, जो नियमों को समझने में मदद करेंगे और अनावश्यक गलतियों से बचाएंगे।


क्यों ज़रूरी हैं ये New Labour Laws in Hindi?

ये नए लेबर कोड सिर्फ कानूनों का पुलिंदा नहीं हैं, बल्कि ये एक मज़बूत भारत की नींव हैं जहाँ श्रमिकों के अधिकार को सर्वोपरि रखा गया है।

चाहे वह न्यूनतम मजदूरी की गारंटी हो, गिग वर्कर्स को सुरक्षा कवच देना हो, या प्रवासी श्रमिकों का ध्यान रखना हो—ये बदलाव कामकाजी लोगों की ज़िंदगी को ज़्यादा सुरक्षित, पारदर्शी और सम्मानजनक बनाते हैं।

हालांकि, इन श्रम संहिताओं को अभी पूरे देश में लागू किया जाना बाकी है, और इनके 2025 तक पूरी तरह लागू होने की उम्मीद है। एक बार लागू होने के बाद, ये New Labour Laws in Hindi भारत के श्रम बाजार में एक नई क्रांति लाएंगे।

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